अपना आवाम
अपना आवाम

छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध तांत्रिकाचार्य स्वामी सुरेंद्रनाथ जी से भेंट-मुलाकात ।

 छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध तांत्रिकाचार्य स्वामी सुरेंद्रनाथ जी से भेंट-मुलाकात ।



 जांजगीर-चांपा (अपना आवाम न्यूज) 

 छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध तांत्रिकाचार्य स्वामी सुरेंद्रनाथ जी से दिनांक 19 जुलाई, 2025 महाकाली आश्रम, जांजगीर में भेंट-मुलाकात से एक महत्वपूर्ण अनुभव हुआ । स्वामी जी की वाणी अद्भुत और दिव्य हैं - परम पूज्य स्वामी सुरेंद्रनाथ जी छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध तांत्रिक हैं, लगभग 2 घंटे तक महाकाली साधना आश्रम में भेट हुई  ।   मीडिया जगत से जुड़े हुए शशिभूषण सोनी ने उनसे सपरिवार आशीर्वाद प्राप्त किया ,जो कि उनके लिए अमूल्य हैं ।  उनकी विभिन्न विषयों यथा - धार्मिक, सांस्कृतिक , आध्यात्मिक और आत्मिक विषयों पर गहन मंत्रणा हुई । उन्होंने विषयों पर अपने विचार व्यक्त करके आह्लादित कर दिया । वाणी का सदुपयोग व्यक्ति को महान बनाता हैं।, जबकि दुरुपयोग उसे हीनता प्रदान करता हैं। स्वामी जी की वाणी में अधिष्ठात्री देवी सरस्वती विद्यमान हैं ।

शिव और शक्ति की पूजा-अर्चना हिदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण हैं । श्रावण मास में शिव और भगवती पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता हैं । शिव और शक्ति को परम सत्य माना जाता हैं, जो सृष्टि के निर्माण और विनाश के लिए जिम्मेदार हैं । शिव की शक्ति भुवनेश्वरी,काली बगला और तारा हैं, जो आज विभिन्न रुपों में पूजी जाती हैं । महाकाली साधना आश्रम में त्रिदेवी  की पूजा-अर्चना प्रतिदिन की जाती हैं, जो शक्ति के विभिन्न रुपों को दर्शाती हैं । बार-बार पूछने पर बड़े ही इत्मीनान से स्वामी सुरेंद्रनाथ जी कहते हैं कि मेरे आश्रम में महाकाली की दिव्य प्रतिमा हैं । शिव और शक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं। शिव काली के उग्र रूप को शांत करने के लिए उनके नीचे लेटे हुए हैं । शिवजी के लेटने का मूल कारण शक्ति के उग्र रूप से सृष्टि को बचाना,वही कालिका के सौम्य रूप से सृजन कराना हैं । उन्होंने यह भी बताया कि शिव को नीचे देखकर काली की उग्रता समाप्त हो गई,जो मनुष्य शिव के भक्त हैं उन्हें शिव के साथ-साथ शक्ति को भी प्रसन्न करना चाहिए, जहां शिव के भक्तों को शक्ति को प्रसन्न करना पड़ता हैं और शक्ति के उपासकों को  शिव को पूजना पड़ता हैं, यही तो जीवन का आखिरी सत्य हैं ।


*महाकाली आश्रम यात्रा-* जांजगीर-चांपा जिले के  चांपा रोड, जांजगीर पर स्थित महाकाली साधना आश्रम में मैं शशिभूषण सोनी, मेरी अर्द्धांगिनी श्रीमति शशिप्रभा सोनी और सुपुत्र इंजीनियर आलोक सोनी पहुंचे । बहुत दिनों से स्वामी सुरेंद्रनाथ जी की इच्छा थी कि एक बार पधारें,जो कि अब पूरी हो गई हैं ।


 *मिष्ठभाषी -* स्वामी सुरेंद्रनाथ जी मिष्ठभाषी हैं और समाज और छत्तीसगढ़ अंचल में आदर तथा सम्मान के पात्र हैं । मेरे द्वारा श्रीफल , मिष्ठान्न , अंग वस्त्र भेंटकर आत्मीय स्वागत किया गया ,जिसे आदरणीय श्रीयुत स्वामी जी द्वारा आशीर्वाद दी गई ।

और नया पुराने