अपना आवाम
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ऊंची बोली से अपनी कमियां न छुपाएं, बल्कि पथिक के लिए शीतल छांव एवं क्षुधा शांत करने वाले एक फलदार वृक्ष की भांति झुकना सीखें और अपना जीवन उच्च बनाएं: डाॅ प्रशांत

 ऊंची बोली से अपनी कमियां न छुपाएं, बल्कि पथिक के लिए शीतल छांव एवं क्षुधा शांत करने वाले एक फलदार वृक्ष की भांति झुकना सीखें और अपना जीवन उच्च बनाएं: डाॅ प्रशांत


 कमला नेहरु महाविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों ने किया सहायक प्राध्यापकों का सम्मान



कोरबा (अपना आवाम न्यूज )

एक शिक्षक होने के नाते सत्य और तथ्यपरक बोली जरुरी है। साथ ही हम अगर अपने विद्यार्थी को अच्छी सीख देना चाहते हैं, तो उन्हें यह सिखाएं कि ज्ञान सदैव मिठास की भाषा होती है। गांठ बांध लें कि जीवन में उस तने हुए वृक्ष की तरह कभी ऊंची बोली बोलकर अपनी कमियों पर परदा डालने का प्रयास न करें, जो न तो राहगीर को शीतल छांव दे सकता है और न ही उसकी क्षुधा शांत करने मीठे फल। अपितु फलों से युक्त एक जीवनदायी वृक्ष की भांति गुणों से युक्त होकर झुकना सीखें और अपने जीवन को उच्च बनाएं।


यह बातें कमला नेहरु महाविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर शनिवार को आयोजित सहायक प्राध्यापकों के सम्मान समारोह में विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने कहीं। शिक्षा संकाय के सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के बीच मां वीणापाणी, देश के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधा कृष्णन व स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्राचार्य डाॅ बोपापुरकर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए आगे कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर माता-पिता ने युवाओं को इस महाविद्यालय में अध्ययन करने भेजा है, उस पर निष्ठापूर्वक अडिग रहें और अपने लक्ष्य की ओर सधे हुए कदमों से आगे बढ़ते रहें। इस अवसर पर शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ भारती कुलदीप ने भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डाॅ राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए इस दिन के महत्व पर अपने विचार रखे। तत्पश्चात शिक्षा संकाय (बीएड द्वितीय वर्ष) के छात्र-छात्राओं ने प्राचार्य समेत अपने सभी गुरुजनों का स्वागत किया। उन्हें उपहार प्रदान कर सम्मानित किया और उनके चरण छूकर उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद अपने शिक्षकों के लिए विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।


प्राचार्य ने उपहार प्रदान कर किया सम्मानित



कार्यक्रम में प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने महाविद्यालय के सभी सहायक प्राध्यापकों एवं अतिथि प्राध्यापकों को उपहार प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान उपस्थित रहे सहायक प्राध्यापकों में प्रमुख रुप से अजय मिश्रा, ब्रजेश तिवारी, डाॅ सुनील तिवारी, डाॅ सुशीला कुजूर, अनिल राठौर, वेदव्रत उपाध्याय, आशुतोष शर्मा, डॉ भारती कुलदीप, डॉ रश्मि शुक्ला, श्रीमती प्रीति द्विवेदी, श्रीमती अंजू की, श्रीमती अनिता यादव, डॉ दीप्ति सिंह, कुणाल दासगुप्ता, रामकुमार श्रीवास, राकेश कुमार गौतम, नितेश यादव, शंकर यादव व अतिथि प्राध्यापकों को उपहार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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